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Special Facts

jpsc mains syllabus hindi medium

Date: 06 June 2020By: Rama Krishna IAS
UPSC Syllabus

रामा कृष्णा आईएएस अकादमी
द्वितिय तल, पीटीसी रोड, फ्रंटियर बेकरी के ऊपर, मटवारी, हजारीबाग, झारखंड 825301
 9821090779, 8826600714

 

झारखंड सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा केलिये पाठ्यक्रम

पेपर - 1

सामान्य हिंदी और सामान्य अंग्रेजी

कुल अंक - 100, समय - 3 घंटे

सामान्य हिंदी और सामान्य अंग्रेजी का पेपर एक संयुक्त पेपर होगा, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी दो खंड होगें I दोनों खंड समान भार के होंगें यानी प्रत्येक 50 अंक के होगें I पेपर का उद्देश्य उपरोक्त दो भाषाओं में उम्मीदवारों के कामकाजी ज्ञान का परीक्षण करना है I इस पेपर के दोनों खंडों में पूछे जाने वाले प्रश्न केवल मैट्रिक मानक के होंगें और निम्नलिखित क्षेत्रों तक ही सीमित रहेंगें I

( A ) सामान्य हिंदी : 50 अंक
(क) निबंध (400 शब्दों का ) - 15 अंक
(ख) व्याकरण - 15 अंक
(ग) वाक्य विन्यास - 10 अंक
(घ) संक्षेपण- 10 अंक
( B ) सामान्य अंग्रेजी : 50 अंक
(क) Essay ( 400 words ) - 15 अंक
(ख)Grammer- 15 अंक
(ग) Comprehension - 10 अंक
(घ)precis- 10 अंक

यह केवल क्वालिफाइंग पेपर होगा I कुल 100 अँको के पेपर में 30 अंक लाना अनिवार्य होगा। इस प्रकार 50 अंकों के सामान्य अंग्रेजी घटक को शामिल करने से हिंदी या क्षेत्रीय भाषा पृष्ठभूमि के छात्रों की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा I 

नोट : - हालांकि 6 वीं जेपीएससी - 2016 ने इस पेपर को मुख्य परीक्षा की ग्रेडेशन सूची केलिये गिना है I

रामा कृष्णा आईएएस अकादमी
 9821090779, 8826600714
जेपीएससी - ऑनलाइन/ ऑफलाइन

 

पेपर - 2
कुल अंक - 150
समय - 3 hour

 

उम्मीदवार के पास निम्नलिखित भाषाओं और साहित्य में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा I
(i) ओडिया भाषा और साहित्य
(ii)बंगाली भाषा और साहित्य
(iii) उर्दू भाषा और साहित्य
(iv)संस्कृत भाषा और साहित्य
(v)अंग्रेजी भाषा और साहित्य
(vi)हिंदी भाषा और साहित्य
(vii)संथाली भाषा और साहित्य
(viii)पांचपरगनिया भाषा और साहित्य
(ix)नागपुरी भाषा और साहित्य
( x)मुंडारी भाषा और साहित्य
(xi)कुडुख भाषा और साहित्य 
(xii)करमाला भाषा और साहित्य
(xiii)खोरठा भाषा और साहित्य
(xiv)खड़िया भाषा और साहित्य
(xv) हो भाषा और साहित्य
यह पेपर अधिकतम 150 अंकों के लिये निर्धारित किया जायेगा और इस पेपर में प्राप्त अंकों को मुख्य परीक्षा की ग्रेडेशन सूची तैयार करने केलिये गिना जायेगा I

→ छात्र कृप्या अपने पंसद के भाषा के पेपर का विस्तृत पाठ्यक्रम का प्रिंट ले I

 

रामा कृष्णा आईएएस अकादमी
 9821090779, 8826600714
जेपीएससी - ऑनलाइन/ ऑफलाइन

 

पेपर -3
सामाजिक विज्ञान ( इतिहास और भूगोल )
कुल अंक - 200 : समय - 3 घंटे
सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र के दो पृथक खंड होगें, एक इतिहास और दूसरा भूगोल, प्रत्येक 100 अंकों का होगा I उम्मीदवारों को एक अनिवार्य और दो ऐच्छिक प्रश्न पत्र प्रत्येक खंड से अर्थात कुल 6 प्रश्नों का उत्तर देना हैI प्रत्येक खंड के अनिवार्य प्रश्न में संबंधित खंड के पूरे पाठ्यक्रम को आवृत करते हुये 10 वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होगें, प्रत्येक दो अंक का होगा ( 10×2 = 20 अंक ) इसके अतिरिक्त इतिहास और भूगोल खंड में से प्रत्येक से चार एच्छिक प्रश्न होंगें I इतिहास और भूगोल दोनों में से प्रत्येक के चार प्रथक उपखंड है, एक प्रश्न प्रत्येक उपखंड से होगा,इस तरह कुल चार एच्छिक प्रश्न दोऩों विशिष्ट खंड इतिहास और भूगोल में से प्रत्येक में होगा, जिसमें से उम्मीदवार को सिर्फ दो प्रश्ऩों प्रत्येक 40 अंक , का उत्तर देना होगा I ऐच्छिक प्रश्ऩों का दीर्घ-उत्तर परंपरागत, विवरणात्मक शैली में अपेक्षित होगा I

 

खंड - (A ) इतिहास : 100 अंक
( A ) प्राचीन काल
(i) सिंधु घाटी सभ्यता : उत्पत्ति ( प्राचीनकाल ), विस्तार,साहित्यिक कार्य और मुख्य लक्षण
(ii) आर्यों की उत्पत्ति
(iii) वैदिक साहित्य की पुरातनता और स्तरीकरण, पूर्व ( ऋगवैदिक) काल के दौरान समाज,अर्थव्यवस्था और धर्म I 
(iv) लिच्छवी और उनका गणतंत्रातमक गठन I
(v) मगध साम्राज्य का उदय
(vi) मौर्य: साम्राज्य का विस्तार, कलिंग युद्ध और इसका प्रभाव, अशोक का धम्म, विदेशनीति,कला और स्थापत्य का मौर्य काल के दौरान विकास
(vii) कुषाण : कपिष्क: साम्राज्य का विस्तार, उसकी धार्मिक नीति,कुषाण काल के दौरान कला,स्थापत्य और साहित्य का विकास
(viii) गुप्त : साम्राज्य का विस्तार, उसकी धार्मिक नीति,कुषाण काल के दौरान कला,स्थापत्य और साहित्य का विकास I 
(ix) हर्षवर्धन : उत्तर भारत का अंतिम हिंदू शासक, उसके काल की सांस्कृतिक उपलब्धियाँ I
(x) चोल : दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में समुद्री गतिविधियां, चोल प्रशासन,कला और साहित्य ।
(xi) पल्लवों की सांस्कृतिक उपलब्धियाँ 

 

(B ) मध्यकाल
 xii) भारत पर अरबों का आक्रमण
(xiii) गजनवी का भारत पर आक्रमण
(xiv) दिल्ली सल्तनत : अल्लाउद्दीन खिलजी का बाजार नीति और सैन्य सुधार, मुहम्मद बिन तुगलक की काल्पनिक (यूटोपियन ) नीतियां )
(xv) भारत पर मंगोल आक्रमण
(xvi) धार्मिक आंदोलन : ( a ) सूफीवाद (b ) भक्ति आंदोलन )
(xvii) नई इस्लामिक संस्कृति का आरंभ, भारतीय इस्लामिक स्थापत्य, हिंदी और उर्दू भाषाओं का विकास I 
(xviii) मुगल : पानीपत का प्रथम युद्ध, शेरशाह सूरी की उपलब्धियाँ, मुगल साम्राज्य का सुदृढीकरण, अकबर के अधीन जागीरदारी और मनसबदारी प्रणालियों की स्थापना, अकबर की धार्मिक और राजपूत नीतियाँ, औरंगजेब की धार्मिक और राजपूत नीतियां, मुगल स्थापत्य और चित्रकारी, मुग़ल काल के दौरान आर्थिक दशाये I
(xix) मराठों का उदय : - शिवाजी की उपलब्धियां, उत्तर की ओर मराठों का विस्तार और उनका पतन

 

( C ) आधुनिक काल - 
(xx) यूरोपीय बस्तियों का प्रारंभ, ईस्ट इंडिया कंपनी का गठन और विकास, ब्रिटिश शक्ति का भारत में सुदृढ़ीकरण, प्लासी और बक्सर का युद्ध, मैसूर पर नियंत्रण, सहायक संधि, व्ययगत का सिद्धांत, राजगत सम्पत्ति का सिद्धांत
(xxi) औपनिवेशिक शासन के प्रति प्रतिरोध : - किसान, जनजातीय और सांस्कृतिक पुर्नजागरण, 1857 का विद्रोह I 
(xxii) हिंदू समुदाय में समाज सुधार आंदोलन, बह्म समाज,आर्य समाज, रामकृष्ण मिशन, प्रार्थना समाज और भारत का थियोसोफिकल समाज I
(xxiii) मुस्लिम समुदाय में समाज सुधार आंदोलन : बहावी आंदोलन और अलीगढ़ आंदोलन
(xxiv) महिलाओें की स्थिति में उत्थान हेतु संघर्ष, सती प्रथा का उन्मू लन, विधवा विवाह एक्ट, सम्मति ( सहमति ) उम्र एक्ट , महिला शिक्षा पर बल I 
(xxv) ब्रिटिश शासन के अधीन भू- राजस्व प्रशासन : स्थाई बंदोबस्त, रैयतवाडी और महलवारी प्रथाये I
(xxvi) 19 वीं सदी में भारत में राष्ट्रवाद का उदय : भारतीय राष्ट्रीय क्रांग्रेस का गठन, उदारवादी और अतिवादी, स्वदेशी आंदोलन, होमरूल लीग आंदोलन,खिलाफत आंदोलन I 
(xxvii) महात्मा गाँधी और जन आंदोलन,असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन
(xxix) स्वतंत्रता के बाद भारत : देशी राज्य़ों का भारत में विलय, राज्यों का भाषाई अनुमोदन,नेहरू और इंदिरा गाँधी के अधीन गुटनिरपेक्ष नीति, बांग्लादेश की स्वतंत्रताI

 

खंड - ( B ) - भूगोल - 100 अंक 

 

( A ) भौतिक भूगोल ( सामान्य सिद्धांत )
(i) पृथ्वी की उत्पत्ति और विकास, पृथ्वी का अंतराल, वेगनर का महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत, प्लेट विवर्तनिकी, ज्वालामुखी,भूकंप और सुनामी
(ii) चट्टाऩों के प्रमुख प्रकार और उनकी विशेषतायें, जलीय, हिमानी,शुष्क और चूनापत्थर क्षेत्र की स्थलाकृतियों की उत्पत्ति और विशेषतायें
(iii) भू - आकृतिक प्रक्रियाये, अपक्षय, वृहत अपशिष्टन, अपरदन और निक्षेपण, मृदा निर्माण, भू - दृश्य चक्र, डेविस और पेंक के विचार
(iv)वायुमंडल का संघटन, संरचना और स्तरीकरण
(v) सूर्यातप और पृथ्वी का ऊष्मा बजट
(vi) तापमान का क्षैतिज और लंबवत वितरण, तापमान का प्रतिलोमन
(vii)वायुराशि और वाताग्र, ऊष्ण और शीतोष्ण चक्रवात 
(viii) वाष्पीकरण और संघनन, उष्ण और शीतोष्ण चक्रवात
(ix) जलवायु का वर्गीकरण ( कोपेन और थार्नथ्वेट), हरितगृह प्रभाव, वैश्विक तापन और जलवायु परिवर्तन I 
(x) जल चक्र, महासाग़रों  और समुद्रों में तापमान का वितरण और प्राप्तियाँ, लहर, ज्वारभाटा और धारायें, महासागर तल के उच्चाव के लक्षण I 

 

( B ) भारत का भौतिक और मानव भूगोल
(xi) संरचना, उच्चावच और भू - आकृतिक विभाग, अपवाह प्रणाली : हिमालयी और प्रायद्वीपीय I
(×ii) भारतीय मानसून, क्रियाविधि, आगमन और निवर्तन, जलवायविक प्रकार ( कोपेन और ट्रिवाथ् ), हरित क्रांति और भारत के प्रमुख फसलों पर इसका प्रभाव, खाद्य संकट
(xiii) प्राकृतिक वनस्पति वनों के प्रकार और वितरण, वन्य ज़ीवन, संरक्षण, जैवेमंडल रिजर्व I
(xiv) मृदा के प्रमुख प्रकार ( ICAR का वर्गीकरण ) और उनका वितरण, मृदा अवनमन और संरक्षण
(xv) प्राकृतिक प्रकोप : बाढ, सूखा, चक्रवात,भूस्खलन
(xvi) जनसंख्या वृद्धि, वितरण और घनत्व
(xvii) आयु : लिंग, अनुपात, ग्रामीण - नग़रीय संघटन
(xviii) जनसंख्य़ा, वातावरण और विकास
( xix) बस्तिय़ों के प्रकार : ग्रामीण और नगरीय, नगरीय आकारिकी,  नगरीय बस्तिय़ों का कार्यात्मक वर्गीकरण, भारत में मानव बस्तियों की समस्यायें I

( C ) भारत के प्राकृतिक संसाधन विकास औैर उपयोग
( xx) भूमि संसाधन: सामान्य भू -उपयोग, प्रमुख फसलों जैसे - चावल, गेहूं, कपास, जूट, गन्ना, रबड., चाय और कहवा केलिये भौगोलिक दशाये और वितरण
( xxi) जल संसाधन : उपलब्धता और उद्योग तथा दूसरे उद्देश्यों में इसका उपयोग, सिंचाई, जलसंकट, वर्षा जल की खेती की संरक्षण विधियां और जल छाजन/संभरण प्रबंध,  भूमिगत जल प्रबंध
( xxii) खनिज और ऊर्जा संसाधन :- वितरण और उपयोग
( a ) धात्विक खनिज ( लोहा अयस्क, ताँबा, बॉक्साइट,मैंगनीज )
( b ) अ-धात्विक और पारंपरिक खनिज ( कोयला, पेट्रोलियम
( C ) जल विद्युत और ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत ( सौर,वायु,बायो गैस )

 

( d ) ऊर्जा के स्रोत, उनका वितरण और संरक्षण
( xxiii ) उद्योगों का विकास : -
उद्योगों के प्रकार, उद्योग़ों के अवस्थापना के कारक, कुछ चयनित उद्योगों ( लोहा और इस्पात, सूती वस्त्र, गन्ना और पेट्रो रसायन ) का वितरण और बदलते प्रतिरूप, बेबर का उद्योग स्थानीयकरण सिद्धांत - आधुनिक विश्व में इसकी प्रासंगिकता I
( xxiv) परिवहन,संचार और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार :
(a) सड़क, रेल और जल मार्ग
(b)अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के आधार, भारत के विश्व व्यापार का बदलता स्वरूप

 

(D) झारखंड का भूगोल और इसके संसाधनों का उपयोग : -
( xxv) भू - गर्भिक इतिहास, भू -अाकृतियाँ, अपवाह, जलवायु, मिट्टी के प्रकार और वन : कृषि और सिंचाई, दामोदर और स्वर्णरेखा घाटी परियोजना : झारखंड के खनिज संसाधन उनका निष्कर्षन और उपयोग I
( xxvi ) जनसंख्या : वृद्धि, वितरण,घनत्व, जनजातियों  की समस्यायें और जनजातीय विकास की योजनायें, उनके रीति रिवाज,संस्कार,त्योहार आदि I 
( xxvii) . औद्योगिक और नगर विकास, प्रमुख उद्योग - लोहा इस्पात और सीमेंट : कुटीर उद्योग I 
( xxviii ) औद्योगिक और नगर विकास, प्रमुख उद्योग - लोहा इस्पात और सीमेंट : कुटीर उद्योग ।

 

रामा कृष्णा आईएएस अकादमी
 9821090779, 8826600714
जेपीएससी - ऑनलाइन/ ऑफलाइन

 

पेपर - 4
भारतीय संविधान और राजव्यवस्था, लोक प्रशासन और सुशासन
कुल अंक - 200 समय - 3 घंटे

भारतीय संविधान,राजव्यवस्था और लोक प्रशासन के प्रश्न पत्र के दो पृथक खंड होंगें, अर्थात एक भारतीय संविधान और राजव्यवस्था और दूसरा लोकप्रशासन और सुशासन,  प्रत्येक 100 अंकों का होगा I उम्मीदवारों को प्रत्येक खंड से एक अनिवार्य और दो ऐच्छिक प्रश्ऩों के उत्तर देने होंग़ें |  प्रत्येक खंड का अनिवार्य प्रश्न, पूरे पाठ्यक्रम को समाहित करते हुये 10 वस्तुनिष्ठ प्रश्न,प्रत्येक 2 अंक ( 10x2= 20 अंक ) का होगा I इसके अतिरिक्त प्रत्येक खंड में 4 एच्छिक प्रश्न होगें जिनमें से उम्मीदवारों को सिर्फ दो प्रश्नों प्रत्येक 40 अंक, के उत्तर देने होगें I ऐच्छिक प्रश्न दीर्घ उत्तरीय होंगें, जिनका उत्तर पारंपरिक विवरणात्मक रूप में देना अपेक्षित है I

खंड - (A) - भारतीय संविधान और राजव्यवस्था
(i ) भारतीय संविधान की प्रस्तावना ( धर्मनिरपेक्ष,लोकतांत्रिक और समाजवादी ) इसमें निहित दर्शन
(ii) भारतीय संविधान के मूल लक्षण, जनहित याचिका की संकल्पना,भारतीय संविधान का आधारभूत ढाँचा
(iii) मौलिक अधिकार और कर्तव्य
(iv) राज्य के नीति के नीति निर्देशक सिद्धांत
(v ) संघ सरकार
(a ) संघ की कार्यपालिका : राष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद् : मिलि जुली सरकार के अधीन कार्य I

( b ) संघीय विधायिका : लोकसभा और राज्य सभा : संगठन और कार्य, कानून निर्माण की प्रक्रिया, संसदीय समितियां, कार्यपालिका पर संसद का नियंत्रण, संसद और इसके सदस्यों के विशेषाधिकार और दंड से छुटकारा I

( C ) संघ की न्यायपालिका : - सर्वोच्च न्यायालय : इसकी भूमिका और शक्तियां, प्राकृतिक न्याय और विधि का शासन का सिद्धांत, न्यायिक पुनरावलोकन और न्यायिक सक्रियता I
( v i ) राज्य सरकार
(a) राज्य की कार्यपालिका : राज्यपाल की शक्तियां और कार्य, मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद
(b) राज्य की विधायिका : संगठन, शक्तियाँ और कार्य,झारखंड के विशिष्ट संदर्भ में
(C) राज्य की न्यायपालिका : उच्च न्यायालय : संगठन शक्तियां और कार्य, अधीनस्थ न्यायपालिका I
(d) पंचायत और नगरपालिका : गठन, शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व - 73 वें और 74 वें संविधान संसाधनों के विशिष्ट संदर्भ में I
(vii) केंद्र राज्य संबंध : प्रशासनिक, विधायी और वित्तिय
(viii) अनुसूचित क्षेत्र, अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र के प्रशासन से संबंधित प्रावधान
(ix) विधायिका और सेवाओं आदि में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति केलिये सीटों के आरक्षण से संबंधित विशिष्ट प्रावधान
(x) संविधान में आपातकालीन उपबंध
(xi) भारत का नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (C.A.G.) 
(xii) भारत का निर्वाचन आयोग
(xiii) राजनीतिक दल और दवाब समूह

खंड - ( B ) लोकप्रशासन और सुशासन
(xiv) लोक प्रशासन : परिचय,अर्थ,क्षेत्र और महत्व
(xv) सार्वजनिक और निजी प्रशासन
(xvi)संघ का प्रशासन : केंद्रीय सचिवालय, कैबिनेट सचिवालय, प्रधानमंत्री का कार्यालय, योजना आयोग, वित्त आयोग
(xvii) राज्य का प्रशासन : राज्य सचिवालय, प्रधान सचिव, मुख्यमंत्री का कार्यालय
(xviii) जिला प्रशासन: जिला दंडाधिकारी और कलक्टर के कार्यालय का उत्पत्ति और विकास, जिला कलक्टर की बदलती भूमिका, न्यायपालिका के पृथक्करण का जिला प्रशासन पर प्रभाव
(xix) कार्मिक प्रशासन : - लोक सेवाओं की भर्ती, संघ लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग, लोक सेवकों का प्रशिक्षण, नेतृत्व और इसके गुण, सेवकों का मनोबल और उत्पादकता
(xx) प्राधिकार का प्रतिनिधित्व, केन्द्रीयकरण और विकेंद्रीकरण
(xxi) नौकरशाही : उत्पत्ति, इसके गुण और दोष, नौकरशाही की नीति निर्माण और इसके क्रियान्वन में भूमिका, नौकरशाही और राजनीतिक कार्यपालिका के बीच संबंध, सामान्य बनाम विशेषज्ञ I
(xxii)विकास प्रशासन
(xxiii) आपदा प्रबंधन: कारण,आपदा का अर्थ और वर्गीकरण,  आपदा का शमन,तात्कालिक और दीर्घकालिक उपाय
(xxiv) सुशासन : अभिप्राय और अच्छे तथा उत्तरदायी शासन की संकल्पना, सुशासन के मुख्य लक्षण, उत्तरदायित्व, पारदर्शिता, ईमानदारी और शीघ्र प्रतिपादन ( Quick delivery), सिविल सोसाइटी की भूमिका और सुशासन में लोग़ों की भूमिका, शिकायत निवारण की प्रकिया : लोकपाल, लोकायुक्त, केंद्रीय सर्तकता आयुक्त : सिटिजन चार्टर (i) सेवा का अधिकार (ii) सूचना का अधिकार (iii) शिक्षा का अधिकार (iv) उपभोक्ता संरक्षण एक्ट (v) महिलाओ के विरुद्ध घरेलू हिंसा ( निवारण ) एक्ट  (vi) ओल्ड एज एक्ट, उद्देश्य, क्रियाविधि और इनमें उपलब्ध कराये गये उपाय 
(xxv) मानवाधिकार : अभिप्राय और संकल्पना, मानवाधिकारों की वैश्वि क घोषणा, राष्ट्रीय मानवाधिकार, आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग, मानवाधिकार और सामाजिक मुद्दों, मानवाधिकार और आतंकवाद

 

रामा कृष्णा आईएएस अकादमी
 9821090779, 8826600714
जेपीएससी - ऑनलाइन/ ऑफलाइन

 

पेपर - 5
भारतीय अर्थव्यवस्था, वैश्वीकरण और धारणीय विकास
कुल अंक - 200 समय - 3 घंटे

भारतीय अर्थवयवस्था, वैश्वीकरण और टिकाऊ विकास के प्रश्न पत्र के पाँच खंड ( section ) होंगें I खंड -1 अनिवार्य होगा I इस खंड में 20 वस्तुनिष्ठ प्रश्न, प्रत्येक 2 अंक ( 20×2=40 ) का होगा। इस खंड के 20 वस्तुनिष्ठ प्रश्न इस पत्र के संपूर्ण पाठ्यक्रम से लिये जायेगें I इसमें से 6 प्रश्न समूह A, 6 समूह B, 4 समूह C और 4 समूह D से होगें I प्रश्न पत्र के खंड (ii), (iii), (iv) और (v) में से प्रत्येक से 2 ऐच्छिक प्रश्न होगें, जो पाठ्यक्रम के समूह A, B, C, और D से लिये जायेंगें, जिनमें से उम्मीदवार को प्रत्येक समूह से एक प्रश्न, प्रत्येक 40 अंक, का उत्तर देना होगा I इस प्रकार उम्मीदवार को कुल एक अनिवार्य वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न, 40 अंक, सहित 4 एच्छिक प्रश्न, प्रत्येक 40 अंक का उत्तर देना होगा I ऐच्छिक प्रश्न दीर्घ उत्तरीय होग़ें जिनका उत्तर पारंपरिक, विवरण।त्मक रूप में देना अपेक्षित है I 

 

समूह - A - भारतीय अर्थव्यवस्था के आधारभूत लक्षण
( i ) राष्ट्रीय आय : राष्ट्रीय आय की मौलिक संकल्पनाये और इसकी गणना की विधियां उदाहरण के लिये जीडीपी, जीएनपी, एनडीपी, एएनपी,जीएसडीपी, एनएसडीपी, डीडीपी नियत और चालू मूल्य, लागत मूल्य आदि पर I
( ii ) मुद्रास्फीति: संकल्पना, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण : मौद्रिक, वित्तिय और प्रत्यक्ष उपाय
( iii ) जनसांख्यिकीय लक्षण : कार्य - बल संरचना, जनसांख्यिकीय लाभांश, जनगणना 2011 के विशेष संदर्भ में, राष्ट्रीय जनसंख्या नीति
(i v )कृषि और ग्रामीण अर्थवयवस्था : राष्ट्रीय अर्थवयवस्था में कृषि का महत्व, भारत में कृषि उत्पादन में वृद्धि - उत्पादन और उत्पादकताI
निम्न उत्पादकता के कारण और कृषि उत्पादन में सुधार हेतु सरकार द्वारा उठाये गये कदम, हरित क्रांति, सदाबहार क्रांति और इंद्रधनुषी क्रांति, डब्लूटीओ और कृषि, कृषि और निर्गम और आगमों का विपणन और मूल्यन
( v ) औद्योगिक अर्थव्यवस्था : नीतिगत कदम और मूल्य
( v i )लोक वित्त : प्रकृति, महत्व और क्षेत्र, सार्वजनिक राजस्व सिद्धांत और कर निर्धारण के प्रकार, प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, प्रगतिगामी और आनुपातिक, वैट की संकल्पना I
( v i i )सार्वजनिक व्यय : सार्वजनिक व्यय के सिद्धांत, सार्वजनिक व्यय के वृद्धि के कारण और अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव, आंतरिक और बाह्य देनदारियां
(v i i i ) बजटः बजट के सिद्धांत, बजट के प्रकार - निष्पादन आधारित, शून्य आधारित, एफआरएमडी
(i x ) वित्तिय नीति : संकल्पना और रोजगार उपलब्धियों में वित्तिय नीति की भूमिका, स्थिरता और आर्थिक विकास
( x ) केंद्र राज्य के वित्तिय संबंध, वित्त आयोग  की भूमिका, 73 वें और 74वें संविधान संसोधन के वित्तिय पक्ष
( x i ) भारतीय मौद्रिक संरचना और भारत की बैंकिंग प्रणाली
(x i ) A. - भारतीय व्यापार की संरचना और दिशा, भुगतान संतुलन की समस्या

 

समूह - B - टिकाऊ विकास,आर्थिक मुद्दे और भारतीय विकास की रणनीति
(xii) आर्थिक विकास का अभिप्राय और मापन, अविकसित होने की विशेषतायें
( xiii ) विकास के संकेतक, एचडीआई,जीडीआई, जीईएम, भारत की एचडीआई संबंधी प्रगति 
(xiv) अर्थव्यवस्था के संबंध में विदेशी पूंजी और तकनीकी की भूमिका
( xv ) धारणीय विकास : संकल्पना और धारणीय विकास के संकेतक, आर्थिक, सामाजिक और वातावरणीय धारणीयता, हरित जीडीपी की संकल्पना, भारत में धारणीय विकास की नीति और रणनीति
( xvi ) समावेशी विकास का अभिप्राय और 11 वीं  और 12 वीं पंचवर्षीय योजनाओं के दौरान विकास की नीति और रणनीति
(xvii) सामाजिक और आर्थिक रूप में हाशिए के समूहों जैसे अनुसूचित जनजाति, जाति,धार्मिक अल्पसंख्यक, पिछड़ी जाति और महिलाओं के विकास की स्थिति और संबंधित मुद्दे, केंद्र/राज्य सरकारों द्वारा इनके विकास केलिये जारी योजनायें, जनजातीय उपयोजना, अनुसूचित जाति उपयोजना और अल्पसंख्यकों सहित I
(xviii) गरीबी और बेरोजगारी : मापन और प्रवृतिया, बीपीएल. परिवारों की पहचान, एचपीआई, बहुआयामी भारतीय गरीबी सूचकांक
 (xix)खाद्य और पोषण सुरक्षा : भारत में खाद्य उत्पादन और उपभोग की प्रवृति, खाद्य सुरक्षा की समस्याये, भंडारण की समस्यायें और मुद्दे, उपलब्धि, वितरण, आयात और निर्यात, सरकारी नीतियां, योजनायें और कार्यक्रम जैसे - पीडीएस, आईसीडीएस और मध्याहन भोजन आदि I 
(xx) खाद्य और पोषणात्मक सुरक्षा संबंधी सरकारी नीतियां
(xxi) योजना की रणनीति : भारतीय पंचवर्षीय योजऩाओं के उद्देश्य और रणनीति, राष्ट्रीय विकास परिषद् , योजना आयोग के कार्य और भूमिका
( xxii) विकेंद्रीकृत नियोजन : अभिप्राय और महत्व, पीआरआईएस और विकेंद्रीकृत नियोजन, भारत में उठाये गये मुख्य कदम

 

समूह -C - आर्थिक सुधार, प्रकृति और भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
(xxiii) नवीन आर्थिक सुधार- उदारीकरण,निजीकरण और वैश्वीकरण, सुधारों की प्रासंगिकता और आवश्यकता, अंर्तराष्ट्रीय वित्तिय संस्थाये, आईएमएफ, विश्व बैंक, - डब्लूटीओ, इनकी भूमिका और भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
(xxiv) वित्तिय और बैंकिंग क्षेत्र सुधार, आर्थिक सुधार और ग्रामीण बैंकिंग का ग्रामीण साख पर प्रभाव,ग्रामीण साख के स्रोत और समस्यायें, संस्थागत साख, एसएचजी, सूक्ष्म वित्त, नाबार्ड, आरआरबी, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, ग्रामीण सहकारिता, वित्तिय समावेशन
( xxvi) कृषि क्षेत्र के सुधार और संवृद्धि पर इसका प्रभाव, कृषि में साहायिकी और सार्वजनिक निवेश का मुद्दा,  सुधार और कृषक संकट
(xxvii)  भारत में औद्योगिक विकास और आर्थिक सुधार : औद्योगिक नीति के मुख्य बदलाव, इसका औद्योगिक विकास पर प्रभाव और एस.एम.ई की समस्याये, सुधारों के बाद की अवधि में भारत के औद्योगीकरण में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की भूमिका, विनिवेश और सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण

 

समूह - D - झारखंड की अर्थव्यवस्था : लक्ष्य, मुद्दे,   चुनौतियां और रणनीति
(xxviii)आर्थिक वृद्धि और झारखंड की अर्थव्यवस्था की संरचना, क्षेत्रक- संरचना, अंतिम दशक में एसडीपी और प्रतिव्यक्ति एनएसडीपी की वृद्धि, झारखंड में कृषि और औद्योगिक विकास 
(xxix) झारखंड का जनसांख्यिकीय लक्षण : जनसंख्या वृद्धि, लिंगानुपात, घनत्व, साक्षरता, श्रमबल की संरचना, ग्रामीण नगरीय संरचना आदि जनगणना 2001 और 2011 के संदर्भ में, अंतर -जिला परिवर्तन
(xxx) गरीबी की स्थिति, बेरोजगारी, खाद्य सुरक्षा, कुपोषण, झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य के संकेतक, मुख्य उपाय, कृषि और ग्रामीण विकास के मुद्दे, मुख्य कार्यक्रम और योजनाएं, : गरीबी निवारण कार्यक्रम : पूरा, भारत निर्माण,  मनरेगा, पीएमजीएसवाई, एसजीएसवाई, आईएवाई, एनआरएलएम आदि खाद्य सुरक्षा योजनायें 
(xxxi) भूमि, वन औैर वातावरण संबंधी झारखंड में मुद्दे, भूमि सुधार और कृषक संबंध, जनजातीय- भूमि हस्तांतरण, लोगों का विकास, जन विस्थापन : इसका प्रभाव और नीतिगत उपाय : वन संबंधी मुद्दे और एफआरए का क्रियान्वन, वातावरणीय अवनमन और इससे निपटने की राज्य की नीति I
(xxxii) झारखंड पंचवर्षीय योजनायें : 10 वीं और 11 वीं योजना की रणनीति और उपलब्धियां, टीएसपी और एससीएसपी, झारखंड में लोकवित्त की प्रवृत्ति, झारखंड में औद्योगिक नीति और औद्योगिक विकास

 

रामा कृष्णा आईएएस अकादमी
, 9821090779, 8826600714
जेपीएससी - ऑनलाइन/ ऑफलाइन

पेपर - 6
सामान्य विज्ञान, वातावरण और तकनीकी विकास
कुल अंक - 200 समय - 3 घंटे

 

सामान्य विज्ञान, वातावरण और तकनीकी विकास के प्रश्नपत्र के 6 खंड होंगेंI खंड -1 में 20 वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होंग़ें , प्रत्येक 2 अंक ( 20×2 = 40 अंक ) का होगा। इस खंड केलिये पाठ्यक्रम के पाँचों समूह, प्रत्येक से 4 प्रश्न लिये जायेंगें I प्रश्न पत्र के खंड (ii), ( iii), (iv), ( v) और (vi) में प्रत्येक खंड में दो ऐच्छिक प्रश्न होगें जो पाठ्यक्रम के समूह A, B, C, D और E से लिये जायेग़ें, इनमें से उम्मीदवारों को प्रत्येक समूह से सिर्फ 1 प्रश्न का उत्तर देना है, प्रत्येक प्रश्न 32 अंक का होगा। एच्छिक प्रश्ऩों का पारंपरिक रूप में, विवरणात्मक उत्तर जो 500-600 शब्दों से अधिक न हो, देना होगा I इस प्रकार कुल मिलाकर उम्मीदवारों को एक अनिवार्य वस्तुनिष्ठ प्रश्न ( 40 अंक ) और पांच  एच्छिक प्रश्ऩों ( 5×32 = 160 ) के विवरणात्मक उत्तर देने होंग़ें I 

 

समूह -A - भौतिक विज्ञान
( i ) मापन पद्धतियाँ : एमकेएस, सीजीएस और एसआई
( i i ) चाल, गति, गुरुत्व, द्रव्यमान, भार, बल की परिभाषा एवं प्रभाव, कार्य, शक्ति और उर्जा
( i i i ) सौर - प्रणाली, सूर्य और दूसरे ग्रहों के सापेक्ष पृथ्वी की स्थिति, पृथ्वी और चंद्रमा की सौर प्रणाली में गति, चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण
( iv ) ध्वनि की प्रकृति की संकल्पना, तरंग लंबाई और आवृति, अश्रव्य और पराध्वनिक ध्वनि, प्रकृति में अश्रव्य ध्वनि के स्रोत, पराध्वनिक ध्वनि की विशेषतायें और कुछ उपयोग I 

 

समूह - B - जीव विज्ञान
(i) जीवित विश्व,  कोशिका - संरचना और इसके कार्य, सावयव विविधता
(ii) जैव अणु - कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन और वसा की संरचना और कार्य, विटामिन और इसकी कमी से उत्पन्न रोग, एन्जाइम्स,हार्मोन्स - पौध हार्मोंस और वृद्धि नियमन, जंतु हार्मोन और उसका कार्य I 
(iii)कोशिका जनन - कोशिका चक्र, समसूत्री और अर्द्धसूत्री विभाजन I
(iv)मेंडल के आनुवांशिकता का नियम - एकल संकरण और द्विसंकर संकरण, लिंग - वंश गति,  लिंग - निर्धारण, डीएनए संरचना और कार्य, डीएनए रिप्लीकेशन, प्रोटीन संश्लेषण, जीन नियमन, विभेदन के आण्विक आधार
 (v)पृथ्वी पर जीवन के क्रम विकासवाद के सिद्धांत, मानव के विकास सहित

 

समूह - C - कृषि विज्ञान
(i )  झारखंड के विभिन्न कृषि जलवायु प्रदेश,  वर्षा का प्रारूप और प्रत्येक प्रदेश में ज्ञात अजैविक संपात
 ( ii ) वर्षा परित कृषि, राज्य के पारम्परिक खाद्य और बागवानी फसल, जलवायु परिवर्तन के आलोक में फसलों के विविधिकरण के साथ साथ पोषण सुरक्षा की  आवश्यकता : वर्षा जल खेती और झारखंड के कृषि उन्नति में इसकी भूमिका : मत्स्य कृषि
(iii) झारखंड में मृदा उर्वरता की स्थिति, मृदा के स्वास्थ्य सुधार में केंचुआ कंपोस्ट और जानवरों के मलमूत्र से प्राप्त खाद का उपयोग, नाइट्रोजन स्थिरिकरन बैक्टिरिया : - उनका उपयोग और कार्बऩिक खेती की संकल्पना
(iv) कृषि वानिकी की संकल्पना, बंजर भूमि और उसके सुधार के उपाय
(v) राज्य के किसानों केलिये लाभदायी सरकारी योजनायें 

 

समूह - D - वातावरणीय विज्ञान
पारिस्थितिक तंत्र की संकल्पना, संरचना और पारिस्थितिक तंत्र के कार्य, प्राकृतिक संसाधन - नव्यकरणीय और अनव्यकरणीय संसाधन, वातावरण का संरक्षण, स्वस्थाने और बाह्मस्थाने संरक्षण, प्रदूषण - वायु, जल,ध्वनि,और मिट्टी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जैव विविधता की संकल्पना, तप्त स्थल, जैव विविधता के खतरे, वैश्विक वातावरणीय मुद्दे : जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तापन, ओजोन परत का अवक्षय, अम्लवर्षा,मरुस्थलीकरण, वातावरणीय कानून - वातावरण ( सुरक्षा ) एक्ट,  वायु ( प्रदूषण, नियंत्रण और रोकथाम ) एक्ट, जल ( प्रदूषण नियंत्रण और रोकथाम ) एक्ट, वन संरक्षण एक्ट

 

समूह - E - विज्ञान और तकनीकी विकास
विज्ञान और तकनीकी की राष्ट्रीय नीति,देश की ऊर्जा मांग, पारंपरिक और गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत, परमाणु ऊर्जा : इसके गुण और दोष : परमाणु नीति की प्रवृत्तियां,एनपीटी और सीटीबीटी, अंतरिक्ष तकनीकी - भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, उपग्रहों का विभिन्न उद्देश्यों हेतु अनुप्रयोग : भारतीय मिसाइल कार्यक्रम : सूदूर संवेदन : जीआईएस और इसका मौसम की भविष्यवाणी, आपदा चेतावनी, जल, मिट्टी और खनिज संसाधनों आदि के क्षेत्र में अनुप्रयोग : जैव तकनीकी का कृषि,  जंतुओं के नस्ल सुधार,दवा, खाद्य तकनीक  और वातावरणीय संरक्षण में उपयोग, जैव तकनीकी हस्तक्षेपों के संभावित विपरीत प्रभाव, सूचना तकनीकी : कम्पूटर और आंकड़ा प्रसंस्करण में इसका अनुप्रयोग, आंकड़ा प्रोग्राम, साईबर अपराध और साईबर कानून I
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति : मलेरिया, कुष्ठ, याक्षमा,कर्क, एड्स, अंधापन आदि के नियंत्रण और रोकथाम केलिये राष्ट्रीय कार्यक्रम I

 

रामा कृष्णा आईएएस अकादमी
, 9821090779, 8826600714
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